शनि देव
शनिवर हो और शनि देव की चर्चा ना हो भला एसा भला कैसे हो सकता हैं. . .
तो चलिए हम आपको ले चलते हैं देश के सबसे बड़ा प्रदेश, उत्तर प्रदेश की कोकिलावन शनि मंदिर जोकि मथुरा के कोसी कलाँ मैं स्थित एक प्रसिद्ध शनि देव की मंदिर है. शनि महाराज भगवान श्री कृष्ण के भक्त माने जाते हैं.
ऐसी मान्यता है कि कृष्ण के दर्शनों के लिए शनि महाराज ने कठोर तपस्या की. शनि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान श्री कृष्ण ने कोयल के रुप में शनि महाराज को दर्शन दिया. इसी कारण से यहां शनि महाराज के मंदिर को कोकिलावन कहा जाता है.
कोकिलावन
कहते हैं जो यहां आकर शनि महाराज के दर्शन करते हैं उन्हें शनि की दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या में शनि नहीं सताते . माना जाता है कि यहां परिक्रमा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. जो भी व्यक्ति कोकिलावन का श्रद्धा और भक्ति के साथ परिक्रमा करेगा, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं,
इसी उम्मीद के साथ यहां शनिवार के दिन दूर-दूर से सैकड़ों भक्तगण अपनी फरियाद लेकर आते हैं और अपनी झोली भरकर जाते हैं.
साथ ही कृष्ण ने शनिदेव को आर्शिवाद दिया कि वे वहीं विराजमान हो जाए और इस स्थान पर जो उनके दर्शन करेगा उस पर शनि की दृष्टि वक्र नहीं पड़ेगी बल्की उनकी इच्छा पूर्ण होगी. साथ ही भगवान कृष्ण ने भी उनके साथ वहीं रहने का वादा किया. तब से ही शनिदेव के बाईं ओर कृष्ण, राधा जी के साथ विराजमान हैं.
भक्तगण यहां किसी प्रकार की परेशानी लेकर आते हैं तो शनिदेव उनकी परेशानी दूर कर देते हैं और सभी कष्ट हर लेते हैं.
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