किसान farmer आंदोलन का चुनाव पर कितना असर – देश समाज की बात
किसान आंदोलन farmer protest लगातार पिछले नो से दस माह से चलता आ रहा है , जिसे लेकर किसानों के द्वारा अलग अलग तरीको से विरोध दर्ज
कराया गया और कृषि कानूनों को लेकर रोष जाहिर किया गया
जिसमे सबसे मुख्य विरोध किसानो के द्वारा संसद का आयोजन करना है
बात करे किसानो द्वारा सबसे पहले दिल्ली में किसान संसद का आयोजन किया गया जहां किसानो ने कानूनों को लेकर संसद प्रक्रिया के तहत अपनी बात रखी और बिल का विरोध किया
उसी तर्ज पर किसानो द्वारा जयपुर में संसद का आयोजन कर कानूनों के विरोध में अपनी बात रखना का कार्यक्रम है
किसानो की तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने के साथ साथ ऍमएसपी पर कानून बनाने व् कुछ और अलग मांगे भी है जिसे लेकर
किसान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे है
जिसे लेकर किसानो और सरकार के बीच कई बार वार्तालाप वः टकराव भी हो चूका है
इस प्रकरण में केंद्र बिंदु यह है की इस मामले में सरकार व् किसानो में कोई भी झुकने को तैयार नहीं है और न ही दो कदम पीछे हटने को तैयार है
जिसे लेकर इन दोनों के बिच अब टकराव की स्थिति बढ़ती जा रही है
जिस प्रकार मुजफरनगर में किसानो की महापंचायत हुई उसे देखकर किसानो के हौसले अब और भी ज्यादा बुलंद हो गए है
देखने वाली बात यह है की किसान आंदोलन का आने वाले चुनाव को लेकर कितना असर होगा और क्या इससे बीजीपी को किसी प्रकार के नुकसान का सामाना करना पड़ सकता है
हालही में पश्चिम बंगाल में हुए चुनाव और किसानो द्वारा बीजीपी का विरोध और उसके बाद बंगाल चुनाव के नतीजे हम सभी के सामने है
जिससे लेकर यह कहना बिलकुल भी सही नहीं होगा की किसानो के विरोध का चुनाव में कोई असर नहीं होगा
चुनाव नजदीक है और आंदोलन जारी है – जो भी स्थिति बनेगी हैप्पीनेस इंडिया की टीम आपको पल पल की जानकारी देती रहेगी
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जय हिन्द
हैप्पीनेस इंडिया